The Basic Principles Of Hindi poetry
जीवन पाकर मानव पीकर मस्त रहे, इस कारण ही, बनी रहे वह मदिर पिपासा तृप्त न जो होना जाने, नशा न भाया, ढाला हमने ले लेकर मधु का प्याला, मैं तुझ
जीवन पाकर मानव पीकर मस्त रहे, इस कारण ही, बनी रहे वह मदिर पिपासा तृप्त न जो होना जाने, नशा न भाया, ढाला हमने ले लेकर मधु का प्याला, मैं तुझ